देश एक खेत है ,आप भी चरिए,
सभी चर रहे है,मिलजुल कर प्रगति कर रहे है,
उन्ही का तंत्र है. वही स्वतंत्र है ,
उन नेताओ का क्या?जो छंटे हुए स्वतंत्र है,
स्वतन्त्र लोगो ने उन्हें,अपने बीच से छांटकर जो भेजा है,
जाओ तुम्हारे अन्दर कुछ ज्यादा ही स्वतंत्रता है,
जाकर विधान सभा में अपनी स्वतंत्रता का जोहर दिख़ाओ,
जब वे माइक को अस्त्र,जूते को शस्त्र बनाते है,
तब वे साक्षात् स्वतंत्र नजर आते है,
सभी चर रहे है,मिलजुल कर प्रगति कर रहे है,
उन्ही का तंत्र है. वही स्वतंत्र है ,
उन नेताओ का क्या?जो छंटे हुए स्वतंत्र है,
स्वतन्त्र लोगो ने उन्हें,अपने बीच से छांटकर जो भेजा है,
जाओ तुम्हारे अन्दर कुछ ज्यादा ही स्वतंत्रता है,
जाकर विधान सभा में अपनी स्वतंत्रता का जोहर दिख़ाओ,
जब वे माइक को अस्त्र,जूते को शस्त्र बनाते है,
तब वे साक्षात् स्वतंत्र नजर आते है,
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें