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सोमवार, 23 अगस्त 2010

raksha

रक्षाबंधन का त्यौहार भाई बहिनका त्यौहार है ,इस पर्व पर बहिन भाई की कलाई पर रक्षासूत्र बांधती है ,भाई बहिन की रक्षा का वचन देते है ,इस त्यौहार  का उद्देश्य भाई बहिन के प्यार में नवीनता लाना है ,जिससे भाई बहिन का सदैव बना रहे ;

शुक्रवार, 20 अगस्त 2010

bacche

बच्चे रोते है क्यों,बच्चे हंसते है क्यों
क्योकि वे अभी अंजान है,मानव की न उन्हें पहचान है,
जैसे ही वे मानव को लेंगे पहचान,जाग उठेगा उनमे स्वाभिमान ,
नखरे दिखाएगे अनेक,कम नहीं करेगे नेक,  
यदि घरवाले डांटेंगे,उनकी बातो को काटेंगे,
भेजते है कालेजो में,मिलते है सिनेमाघरों में या कही और,
फुर्सत मिलने पर जाते है कॉलेज में,
कहते है सर प्रजेंट  मैं कुछ तो कर देते है प्रजेंट और कुछ कर देते है अब्सेंट,
फिर क्यां गुरूजी को रोब दिखाना,
कहते है गुरूजी कॉलेज से बाहर आना,
गुरूजी ने भी ऐसी चाल  चलाई,धूर्त बच्चे की एक भी प्रजेंट नहीं लगाई,
फिर क्यां रह गया परीक्षा से वंचित,हुआ बहुत चिंतित,
घबराया,अब तो मार पड़ेगी
(मन ही मन सोचता है ) और तो बसका नहीं 
आत्महत्या करनी पड़ेगी;
                     आजाद सिंह पंवार 

मंगलवार, 17 अगस्त 2010

Sadachar


सदाचार का अर्थ है,सच्चा व अच्छा आचरण;सद्गुणों से परिपूर्ण व्यक्ति ही सदाचारी बन पता है;ये सद्गुण है-दया,क्षमा,प्रेम,करुना,त्याग आदि ;मनुष्य की शोभा उसके पहने हुए वस्त्र और आभुस्नो से अधिक उसके व्यवहार से होती है;सदाचार का पालन करने वाले को यश और आदर तो मिलता ही है साथ ही उसे मानसिक शांति भी मिलती है;हमें सदाचार में आस्था रखनी चाहिए;सुख अन्यत्र कही नहीं है;शांतिपूर्ण जीवन में प्रेम का फूल खिलाना ही सच्चा सुख है,जिसकी जड़ सदाचार की पृष्ठभूमि में छिपी है;

गुरुवार, 12 अगस्त 2010

SANYAM

संयम सफलता का मूलाधार है,संयमी व्यक्ति जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त करता है,खान-पान में संयम रखने वाला व्यक्ति सदैव स्वस्थ रहता है,वाणी पर संयम रखने वाले व्यक्ति के साथ समाज में कभी वाद-विवाद नहीं होता है,जो व्यक्ति अपनी सभी इंद्रियों को संयम में रखता है,वह सदैव सुख व समृद्धि प्राप्त करते है;