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बुधवार, 19 जनवरी 2011

bhrshtaachar

वैसे तो पूरा प्रशासन यह दिखावा करता है कि हम भ्रष्टाचार को रोकने के उपाय कर रहे है .आम जनता को भी लगता है कि शायद कुछ दिन बाद भ्रष्टाचार समाप्त हो जाएगा ,लेकिन मुझे ऐसा महसूस होता है कि भ्रष्टाचार कम होने कि जगह बढ़ता ही जा रहा है .इसका कारण भी भ्रष्टाचार ही है .आज कि युवा  पीढ़ी का आदर्श किसे माना 
जाय.राजनितिक गलियारों के भ्रष्ट राजनीतिज्ञों को .अधितर भ्रष्ट और चरित्रहीन शिक्षको को .या फिर प्रशासन के भ्रष्ट कर्मचारियों और अधिकारियो को .किसी न किसी का अनुसरण तो युवा पीढ़ी को करना ही  होगा .अब आप सोचिए युवा पीढ़ी किसका अनुसरण करेगी और उसका भविष्य कैसा होगा . 
    आज भारत के भविष्य कि चिंता केवल तीस प्रतिशत लोगो को है .(मेरे अनुमान के अनुसार )बाकि सत्तर प्रतिशत जनता भारत अर्थात अपने देश के मान 
सम्मान से पहले अपनी स्वार्थ पूर्ति कि चिंता रहती है और वे अपनी स्वार्थ पूर्ति में लगे रहते है. आज क्योकि बहुमत भ्रष्ट और अनैतिक लोगो के पास है .इसलिए भारत और भारतीयों की  विकास की  गति धीमी है .जिस दिन नैतिक और ईमानदार लोगो का बहुमत होगा .उस दिन से भारत बहूत तेजी के साथ विकास करेगा .ऐसा मेरा माननाहै लोगो को नैतिक और ईमानदार बनाने का काम अच्छी शिक्षा व्यवस्था ही कर सकती है .अच्छी 
शिक्षा से मेरा मतलब है ,वर्तमान समय कि मांग के अनुरूप ,विज्ञानं और तकनीकी के साथ विभिन्न भाषाओ के शिक्षण कि उत्तम व्यवस्था के साथ-साथ उच्च आदर्शो व नैतिक मूल्यों से परिपूर्ण शिक्षा .
इस कार्य के लिए हमे उन तीस प्रतिशत लोगो में से जिन्हें भारत के भविष्य कि चिंता है ,जो भारत को एक विकसित राष्ट्र के रूप में देखना चाहते है ,जो उच्च आदर्शो और नैतिक मूल्यों से परिपूर्ण है ,शिक्षक नियुक्त करना चाहिए .क्योंकि  बालक एक कच्चे घड़े के सामान होता है ,आप बचपन में उसे जिस रूप ने ढालना चाहे ढाल सकते है .कहने का तात्पर्य यह है कि यदि बालको के अंदर प्राथमिक स्तर पर ही अच्छे संस्कारो कि नीव रख दी जाय तो वह आजीवन संस्कारित ही रहेगा .इस कार्य को अच्छे शिक्षक ही कर सकते है.अत:हमें भ्रष्टचार को समाप्त करने के लिए अच्छे शिक्षको कि नियुक्ति करनी चाहिए .
    दूसरा अहम पहलू है पाठ्यक्रम .जो पाठ्यक्रम हमने बच्चो के लिए निर्धारित किया है ,उसका छात्रो और उनके व्यवहार पर क्या प्रभाव पड़ रहा है ,यह देखना चाहिए और समय के साथ बच्चो को नैतिक और चरित्रवान तथा सम्पूर्ण ज्ञान-विज्ञानं से परिचित करने वाला पाठ्यक्रम होना चाहिए .
  यदि शिक्षा से सम्बंधित इन दो महत्वपूर्ण बिन्दुओ पर गहनता से विचार कर इनको प्रभावी ढंग से अमल में लाया जाय तो मै समझता हूँ कि भ्रष्टचार ही नहीं वरन विभिन्न प्रकार के सामाजिक  और राजनैतिक अपराधो में भी अविश्वसनीय कमी आएगी .....

सोमवार, 10 जनवरी 2011

dahej

जले जहां मासूम जवानी ,हर घर वे शमशान हैं .दहेज़ की खातिर होता जिस घर मैं नारी अपमान है .
निर्धन की बेटी को मिलता ,जीने का अधिकार नहीं .न्याय के ठेकेदारों बोलो क्या यह अत्याचार नहीं .
स्टोव फटा बिजली ने पकड़ा ,क्या यह झूठा प्रचार नहीं .जहर खा लिया फांसी ले ली जब भी बसाई पार नहीं .
पड़ी सड़क पर सडती लाशें ,न होती पहचान है .जले जहां मासूम जवानी , हर घर वे शमशान हैं.
नई नवेली दुल्हन आई ,जीवन का बीमा करवाया .आग लगा दी घर के अन्दर ,ज़िंदा गया  बहु को जलाया .
घोर यातना सहे बहु ,और दुनिया को बीमार बताये .नर्म बदन पर गर्म सलाखे ,कम दहेज़ की मिली सजाये .
मजहब के ठेकेदारों बोलो ,क्यों हुई बंद जबान है .दहेज़ के पिस्सू क्या जाने ,नारी कितनी महान है .
दया- धर्म के सौदागर, कहलाते खुद को दानी .छान-छान कर पानी पीने वाले पी जाते लहू इंसानी .
उजड़े लाखो आज घराने ,उनकी है सब मेहरबानी ......???